hindi mediam se pariksha dekar maari baaji |
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी 2010)में 36वीं रैंक हासिल करने वाले राहुल
कुमार ने 10th की परीक्षा पास करने के बाद ही आईएएस बनने का लक्ष्य तय कर लिया
था|इस मंजिल को पाने के लिए वह पिछले तीन साल से प्रयत्नशील थे |आख़िरकार तीसरी कोशिश
में उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर ही लिया | उनके अनुसार ---------
इस फिल्ड में आने की प्रेरणा मिली ----- प्रशासनिक सेवा में आने के लिए मेरे नानाजी
कन्हैया प्रसाद ने मुझे प्रेरित किया|फ़िलहाल वह सेवानिवृत्त शिक्षक है |
परीक्षा की तैयारी की शुरुआत ----10thपरीक्षा पास करने के बाद इस दिशा में
सोचना शुरू कर दिया था|जहाँ तक पढ़ाई की बात हैं तो मेरी समझ से ज्यादा घंटो की
उतनी अहमियत नहीं है,जितना महत्व कम समय में ही गुणवक्ता पूर्ण पढ़ाई की है |
तैयारी के दौरान अध्ययन सामग्री----सिविल सेवा के लिए मुख्य तौर पर इग्नू की
सामग्री काफी काम आई | इसके पहले 2009 में कैग में असिस्टेंट औडिट आफिसर के रूप भी
मेरा चयन हो चूका था ,लेकिन मैंने ज्वाइन नहीं किया |
फिर 2009 में ही सिविल सर्विस
परीक्षा में आईपीएस के रूप में चयन हुआ|और उसकी ट्रेनिंग हैदराबाद में चल रही थी |
वैकल्पिक बिषय थे ----- यूपीएससी में इतिहास
और हिंदी साहित्य को मैंने वैकल्पिक विषय के रूप में रखा था| तीनो ही baar मैंने
हिंदी माध्यम से ही परीक्षा दी |पढ़ाई भी मैंने हिंदी माध्यम से ही की हैं|
इन्टरब्यू की तैयारी -----आईपीएस की ट्रेनिंग में व्यस्त रहने की वजह से इस
बार साक्षात्कार के लिए ज्यादा समय नहीं मिला |इंटरव्यू में मुझसे पुलिस की
कार्यप्रणाली से सम्बंधित मुद्दों पर सवाल किये गए ,जैसे ,पुलिस की छवि
,मानवाधिकार ,पूछताछ के लिए थर्ड डिग्री का इस्तेमाल ,पूर्वोत्तर की समस्याए आदि |
कामयाबी का श्रेय --- लक्ष्य तक पहुचने के लिए समय –समय पर मेरे नानाजी
से मार्गदर्शन मिलता रहा |इस दौरान मामाजी से स्नेह और सहयोग मिला |
माता-पिता का
आशीर्वाद और सबसे बढ़कर इश्वर की अनुकम्पा की वजह से इस प्रतिष्ठित सेवा के लिए
मेरा चयन हो सका |
पारिवारिक पृष्ठभूमि ----मेरे पिता बिहार के एक गॉव में शिक्षक हैं और
माताजी घर का कामकाज संभालती हैं एक छोटी बहन है जो पढ़ाई कर रही हैं|
यूपीएससी या स्टेट पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रो को टिप्स ----ऐसे छात्र तैयारी की
अवधि में अपने लक्ष्य के प्रति जोश और
जूनून बरक़रार रखें|