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17 October 2015

हिंदी मीडियम से परीक्षा देकर मारी बाजी

hindi mediam se pariksha dekar maari baaji

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी 2010)में 36वीं रैंक हासिल करने वाले राहुल कुमार ने 10th की परीक्षा पास करने के बाद ही आईएएस बनने का लक्ष्य तय कर लिया था|इस मंजिल को पाने के लिए वह पिछले तीन साल से प्रयत्नशील थे |आख़िरकार तीसरी कोशिश में उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर ही लिया | उनके अनुसार ---------
इस फिल्ड में आने की प्रेरणा मिली -----   प्रशासनिक सेवा में आने के लिए मेरे नानाजी कन्हैया प्रसाद ने मुझे प्रेरित किया|फ़िलहाल वह सेवानिवृत्त शिक्षक है |
परीक्षा की तैयारी की शुरुआत ----10thपरीक्षा पास करने के बाद इस दिशा में सोचना शुरू कर दिया था|जहाँ तक पढ़ाई की बात हैं तो मेरी समझ से ज्यादा घंटो की उतनी अहमियत नहीं है,जितना महत्व कम समय में ही गुणवक्ता पूर्ण पढ़ाई की है |
तैयारी के दौरान अध्ययन सामग्री----सिविल सेवा के लिए मुख्य तौर पर इग्नू की सामग्री काफी काम आई | इसके पहले 2009 में कैग में असिस्टेंट औडिट आफिसर के रूप भी मेरा चयन हो चूका था ,लेकिन मैंने ज्वाइन नहीं किया | फिर 2009 में ही सिविल सर्विस परीक्षा में आईपीएस के रूप में चयन हुआ|और उसकी ट्रेनिंग हैदराबाद में चल रही थी |
वैकल्पिक बिषय थे -----  यूपीएससी में इतिहास और हिंदी साहित्य को मैंने वैकल्पिक विषय के रूप में रखा था| तीनो ही baar मैंने हिंदी माध्यम से ही परीक्षा दी |पढ़ाई भी मैंने हिंदी माध्यम से ही की हैं|
इन्टरब्यू की तैयारी -----आईपीएस की ट्रेनिंग में व्यस्त रहने की वजह से इस बार साक्षात्कार के लिए ज्यादा समय नहीं मिला |इंटरव्यू में मुझसे पुलिस की कार्यप्रणाली से सम्बंधित मुद्दों पर सवाल किये गए ,जैसे ,पुलिस की छवि ,मानवाधिकार ,पूछताछ के लिए थर्ड डिग्री का इस्तेमाल ,पूर्वोत्तर की समस्याए आदि |
कामयाबी का श्रेय --- लक्ष्य तक पहुचने के लिए समय –समय पर मेरे नानाजी से मार्गदर्शन मिलता रहा |इस दौरान मामाजी से स्नेह और सहयोग मिला | माता-पिता का आशीर्वाद और सबसे बढ़कर इश्वर की अनुकम्पा की वजह से इस प्रतिष्ठित सेवा के लिए मेरा चयन हो सका |
पारिवारिक पृष्ठभूमि ----मेरे पिता बिहार के एक गॉव में शिक्षक हैं और माताजी घर का कामकाज संभालती हैं एक छोटी बहन है जो पढ़ाई कर रही हैं|
यूपीएससी या स्टेट पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रो को टिप्स ----ऐसे छात्र तैयारी की अवधि में अपने लक्ष्य  के प्रति जोश और जूनून बरक़रार रखें|


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शॉर्टकट के चक्कर में न पड़े छात्र

शॉर्टकट के चक्कर में न पड़े छात्र ----
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश )स्थित बांसगावकी रहने वाली प्रीति सिंह का चयन यूपी पीसीएस-2008 में नायब तहसीलदार के पद पर हुआ है|निम्न –मध्यमवर्गी परिवार में जन्मी प्रीति पांच बहनों में सबसे बड़ी है|यूजीसी नेट क्वालीफाइडऔर अपने पुरे एकेडमिक कैरियर में फर्स्ट डिविजन हासिल करने वाली प्रीति आगे और बड़ा मुकाम हासिल करने का इरादा रखती हैं| उनके अनुसार ---
  अपनी सफलता का श्रेय देना चाहूंगी ---निश्चित तौर पर मेरी इस सफलता के पीछे मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है |जिस माँ –बाप की पांच –पांच लड़किया हो ,उन्होंने कितनी दिक्कतों के साथ उनकी शिक्षा-दीक्षा का बोझ उठाया होगा और आभाव में होने के बावजूद मुझे दिल्ली और फिर इलाहाबाद तैयारी के लिए भेजा होगा,यह मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है|
सफलता को लेकर कितनी आश्वस्त थी ---पिछले दो इंटरब्यू में हालांकि मुझे सफलता नहीं मिल पाई थी,लेकिन इस baar मुझे यह यकीं था की मेरा चयन हो जायेगा|
लगातार अध्ययन के चलते राजनीती शास्त्र एवं हिंदी,इन  दोनों ही विषयों पर मेरी पकड़ हो गयी हो गयी थी और इसका मुझे भरपूर फायदा मिला|
परीक्षा की तैयारी ---- शुरू में मैंने एक साल दिली में रहकर कोचिंग ली थी|फिर इलाहबाद आकर खुद से अध्ययन करने का फैसला किया|कोचिंग के दौरान मुझे कई तरह की आधारभूत एवं आवश्यक बिन्दुओ की जानकारी हुई,जिसका फायदा मुझे परीक्षा के दौरान मिला |राजनीति शास्त्र के लिए जहाँ डीडी बसु व् सईद की पुस्तको का सहारा लिया,वहीँ हिंदी के लिए डॉ.राम स्वरूप चतुर्वेदी की किताबो ली|इग्नू के नोट्स भी कारगर हुए |अंतिम दिनों में मेरा पूरा ध्यान रिवीजन पर था |
साक्षात्कार में पूछे गये सवाल ---- साक्षात्कार के दौरान बोर्ड के सदस्यो का व्यवहार काफी सकारात्मक था|
उन्होंने मुझसे आतंकवाद ,नक्सलवाद ,महिला आरक्षण ,माओवाद आदि पर सवाल पूछे गये |कुछ सवाल हिंदी एवं अफेयर्स से भी पूछे गए |
आगे का इरादा है ----मुझे आगे चलकर आईएएस तक का सफ़र तय करना है |अभी मै आगामी सिविल सेवा प्री एग्जाम की तैयारी कर रही हूँ |

पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्र को टिप्स --- पीसीएस परीक्षा में सफलता के लिए नियमित अध्ययन और रणनीति बेहद जरुरी है |इसका कोई शार्टकट नहीं होता है |नियमित रूप से 8 – 9 घंटे की पढ़ाई पर्याप्त होती है ,लेकिन अंतिम एक महीने में रिविजन के लिए भी खुद को तैयार रखें| 
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भाग्य तभी साथ देता है जब आप मेहनत करते हैं ------


अमोल कुमार
झारखंड के देवघर इलाके में स्कूली पढाई के दौरान अमोल ने कोई बड़ा सपना नहीं देखा था,पर दसवी परीक्षा में आए अच्छे अंक ने उनकी मानसिकता बदल दी |वह न सिर्फ आईआईटी  के सपने देखने लगे,बल्कि उसी समय से इसके लिए मेहनत भी शुरू कर दी |उनकी मेहनत रंग लाई और आईआईटी जेईई -2011 में उन्हें 41वीं रैंक हासिल हुई |इस कामयाबी को कैसे प्राप्त किया अमोल कुमार ने|
·       हमारे माता-पिता ---
पिता सुबोध कुमार शिक्षा बिभाग में कर्मचारी है |माँ भी महिला आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर है | दोनों ने मंजिल पहुचाने के लिए सदा प्रेरितकिया |
·       आरंभिक पढाई –लिखाई --
दसवी तक मेरी पढाई झारखंड के देव घर जिले में स्थित रामकृष्ण विद्यापीठ से हुई |उसके बाद 12वी की पढाई

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16 October 2015

सिर्फ रटने से बात नहीं बनती ,समझना बहुत जरुरी हैं --

सिर्फ रटने से बात नहीं बनती-
·        दिल्ल्ली खेडाकला गॉव में रहने वाली देवाषी पालीवाल इस मामले में मिसाल पेश करती है |साइंस स्ट्रीम में उन्होंने 96%अंक हासिल कर अपने स्कूल में मेडिकल स्ट्रीम में टॉप किया हैं|रोहिणी के प्रशांत विहार स्थित लेंसर्स कान्वेंट स्कूल में पढने वाली देवाषी न्यूरोसैकोलाजिस्ट बनना चाहती हैं| अपनी सफलता के सफ़र से जुडी कुछ खास बातें,देवाषी ने साझा की जो आपके भी काम आ सकती है ----
Topper ke tips
·        ग्रामीण क्षेत्र में रहने के कारण आसपास कोचिंग मिलने में काफी दिक्कत हुई ,इसलिए सेल्फ स्टडी को ही अपनी ताकत बनाया |
·        स्कूल के बाद हर रोज पांच-छह घंटे पढ़ाई और छुट्टी के दिनों में 8-10 घंटे |
·        किसी दुसरे की नोट्स पर निर्भर रहने के बजाय NCERT की किताबो से अपने खुद के नोट्स बनाना |
·        नोट्स में हाईलाईटर्स और कलर्ड प्वाइंटर्स का इस्तेमाल करने से,बाद में याद रखने में आसानी होती है|
·        किसी भी विषय के कॉन्सेप्ट और बेसिक्स को अच्छी तरह समझना जरुरी है , सिर्फ याद रखने या रटने से बात नहीं बनती |
·        हर रोज एक टू  डू लिस्ट बनाना जरुरी है|टाइम मैनेजमेंट के बिना किसी भी लक्ष्य को पाना बहुत मुश्किल है|
·        पढ़ाई के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक |पार्क में सैर करना या फिर संगीत सुनना ,इससे दिमाग को आराम मिलता है |
·        फेसबुक,व्हाट्सएप और टीवी जैसी चीजो से दुरी |
·        घंटो पढ़ाई करने के बीच में अगर थोड़ी-थोड़ी देर मेडिटेशन ब्रेक लिए जाये ,तो भिकाफी मदद मिलती है |
·        अच्छी डाईट लेना बहुत जरुरी है |
·        नवम्बर तक सिलेबस ख़त्म करके फिर रिविजन शुरू कर दें|   


दोस्तों आप भी इन टिप्स को अपनी लाइफ में उतार कर ओ मुकाम हाशिल कर सकते है|अर्थात आप सफल हो सकते हैं| देवाषी पालीवाल जी के द्वारा बताया गया सभी पहलु पर गौर करे और अपने कार्य शैली या कार्य पहलु को देखकर तुलना करके देखिये | अपनी सिस्टम को देखिये और उसको सुधार करिए|
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15 October 2015

बेहतर प्रेजेंटेशन से मिलती हैं सफलता

बेहतर प्रेजेंटेशन से मिलती हैं सफलता—
   अमित कुमार
यूपी पीसीएस के अपने चौथे प्रयास में डिप्टी कलक्टर पद के लिए चयनित अमित कुमार ने इतिहास और हिंदी साहित्य विषयों से यह मुकाम हासिल किया|
उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा -2008 में पांचवी रैंक हासिल करने वाले अमित कुमार जौनपुर जिले की मणियाहूँ तहसील के बबुरी गॉव से तलूक रखते है| किसान कड़ेदिन सिंह के बेटे अमित फ़िलहाल इलाहबाद में जिला कोषाधिकारी हैं |इलाहाबाद विश्वविध्यालय से वर्ष -2003 में प्राचीन इतिहास और हिंदी साहित्य से स्नातक करने के बाद अमित ने पीसीएस परीक्षा के लिए भी यही दोनों विषय चुने |उनके अनुसार ----
 पीसीएस परीक्षा की तैयारी के लिए इतिहास और हिंदी लिया था—बचपन से ही मुझे इतिहास ,सभ्यता और संस्कृत को जानने की ललक रही है |प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन वाले ज्यादा प्रश्न-पत्र में इतिहास से ज्यादा सवाल पूछे जाते है |साथ ही ,इस विषय से सम्बंधित पर्याप्त सामग्री भी उपलब्ध हो जाती है |रही बात हिंदी की ,तो मैंने हिंदी साहित्य से एमए किया हैं|विषय में पकड़ भी अच्छी थी |
बनारस हिन्दू विश्वविध्यालय से जेआरएफ और पीएचडी करने के बाद मैंने केन्द्रीय विद्यालय,डिब्रूगढ (असम)में बतौर प्रवक्ता नौकरी की |फ़िलहाल मै जिला कोषाधिकारी के पद पर कार्यरत हूँ और मैंने सिविल सर्विस (यूपीएससी)-2010 की मुख्य परीक्षा भी दी हैं |
अपनी तैयारी -----मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए मैंने थोड़ा हटकर तैयारी की|तैयारी तो सभी प्रतियोगी करते है ,किताबे भी खूब पढ़ी जाती है,लेकिन मायने यह रखता है की प्रश्न-पत्र के लिए तय  समय में किसी सवाल का जबाब कैसा दिया कैसा दिया गया हैं|आपकी लेखन शैली कैसी है और   कम शब्दों में आप कितना बढ़िया उत्तर लिख पाते है,इन  बातो पर आपकी सफलता निर्भर करती है|
पीसीएस मुख्य परीक्षा के पैटर्न -----मुख्य परीक्षा में दो वैकल्पिक विषयों और सामान्य अध्ययन के दो –दो प्रश्न-पत्र होते हैं |साथ ही भाषा के भी दो प्रश्न-पत्र हल करने पड़ते हैं,यानि मुख्य परीक्षा में कुल मिलाकर आठ प्रश्न-पूछे जाते है |वैकल्पिक विषयो के प्रत्येक प्रश्न-पत्र में आठ प्रश्न पूछे जाते है|जिनमे से पांच प्रश्न का उत्तर लिखना होता है|विशेष बात यह है की अधिकांश प्रश्न समसामयिक घटनाओ से जोड़कर पूछे जाते है | वहीँ,सामान्य अध्ययन के दोनों प्रश्न-पत्र में (प्रत्येक प्रश्न-पत्र में 150 सवाल )बहुबिकल्पीय प्रश्नपूछे जाते है|
इंटरव्यू में पूछे गए सवाल ---  इंटरव्यू में अभ्यर्थी की पृष्ठभूमि ,एकेड्मिक और अभिरुचि के साथ-साथ राष्ट्रिय ,अन्तर्राष्ट्रीय और समसामयिक मुद्दों पर सवाल पूछे गए |एक रोचक सवाल यह किया गया की आप राज्य के किसी विशेष अतिथि के आगमन पर प्रोटोकॉल मेंटेन करने जा रहे हैं |इसी दौरान आपको पता चलता है |की शहर में कहीं पर बम ब्लास्ट हो गया है |ऐसी स्थित में आप क्या करेंगे ?

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र को टिप्स----यदि प्रेजेंटेशन बेहतर हैं|तो अंक भी मनमाफिक ही मिलेंगे|इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर प्रस्तुति पर भी ध्यान दें |
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रेगुलर स्टडी

रेगुलर स्टडी---

यदि आप किसी स्कूल ,कॉलेज का सर्वे करे. तो साफ तौर पर पता चल जायेगा की वही विद्यार्थी परीक्षाओ में अब्बल आते है जो नियमित रूप से अध्ययन करते है |


किसी भी परीक्षा के लिए प्रतिस्पर्ध्दा के जबरदस्त माहौल में पढाई का यही ढंग आपको आगे बढ़ाने में सहायक हो सकता है|इस ढंग की स्टडी का सबसे बड़ा फायदा यह है की पढ़ाई कभी आपको बोझ नहीं लगती है|जिस तरह बूंद –बूंद से घड़ा भर जाता है,उसी तरह रोजाना थोड़ा –थोड़ा पढने से ही आपकी अच्छी तैयारी हो जाती है ऐसे में एग्जाम के दौरान आप तनाव में नहीं आते |साथ ही रिविजन के लिए भी आपको पर्याप्त समय मिल जाता है |इसलिए यदि परीक्षा में सफल होना चाहते है तो रेगुलर स्टडी से सम्बंधित इन बातो को भी ध्यान दो -----:---
·        अपने अध्ययन से सम्बंधित विषयों की पूरी प्लानिंग कर ले |फिर उनको इस ढंग से बाटे ,ताकि रोजाना अध्ययन से निर्धारित समय में उनको आसानी से पूरा कवर किया जा सके|
·        प्रतिदिन पढ़ने का समय निर्धारित कर लें|कोशिश करें की उस दौरान अन्य कार्यो से ध्यान हटाकर पढने में मन लगाये |
·        प्रतिदिन पढ़ने से आपके पास किसी विषय को गहराई से पढ़ने –समझने का पूरा वक्त मिल जायेगा| इसलिए इससे सहजता से आप उस विषय/टॉपिक की तैयारी कर लें |सिर्फ एग्जाम के दौरान पढ़ाई करने वाले को यह सुबिधा कतई नहीं मिल सकती |
·        क्लास में जो भी पढ़ाई हो,उसको अनिवार्य रूप से उसी दिन या उसके अगले दिन रिवाइज जरुर करें |इससे आसानी से आप विषयों को याद रख पाएंगे |इसलिए कक्षा में पढाई के दौरान बेहद सतर्क रहे |
·        जब आप नियमित रूप से पढ़ाई करेंगे तो विषयों कि बेहतर जानकारी होगी | इससे अपने ज्ञान को आप अपने सहपाठियों या शिक्षको के साथ बेहतर ढंग से बाँट सकेंगे |

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रेगुलर स्टडी का सबसे बढ़ा फायदा यह है की आप अपने हॉबी ,स्पोर्ट्स आदि पर भी ध्यान दे सकते है,क्योकि आपको इसके लिए समय मिल जाता है |वर्तमान माहौल में बेहतर जरुरी है,पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए यह बेहद जरुरी है ,जो संतुलित विकास में मददगार है|  
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